Hindi stories and poems




  Poem- एक बार जंगल में 

एक बार जंगल में हांथी ने मीटिंग बुलवाई ,

बोले करो विचार की कैसे हम भी करें पढ़ाई । 

भालू बोला हम सब मिल विद्यालय एक बनाएँ ,

रोज़ सुबह सारे पशु उठकर उसमे पढ़ने आयें । 

सुन के हाथी की बात सबने पुंछ हिलाई ,

एक बार जंगल में हांथी ने मीटिंग बुलवाई । 

उन सबने मिल जुलकर तब विद्यालय एक बनाया । 

पशु शिक्षा मंदिर का उसमे सुंदर बोर्ड लगाया । 

परम हर्ष से भरकर सबने ताली तभी बजाई ,

एक बार हांथी ने मीटिंग बुलवाई । 

सुबह हुई तो सभी पशु पढ़ने के खातिर आए ,

हुई  समस्या खड़ी कौन अब उनको भला पढ़ाये ।

सब हो गए उदास बंद तब उनकी हुई पढ़ाई । 

एक बार जंगल में हाथी ने मीटिंग बुलवाई।

Moral-कठिनाइयों में छिपा होता है बड़ा सबक 

इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान होगा जिसके जीवन में कठिनाइयाँ न हो । जब तक जीवन चलता है सुख और दुख दोनों साथ चलते रहते हैं । लेकिन हर कठिनाई के साथ एक अच्छा सबक छिपा होता है ।  इतिहास गवाह है की जिस आदमी ने अपनी कठिनाइयों का सामना करके उसे पार किया है वही आगे जाकर सफल हुआ है । 

यौन तो कठिनाईन आने पर हर इंसान विचिलित हो जाता है । लेकिन हमें कठिनाइयों से लड़ना सीखना है। अगर कोई व्यक्ति आपकी सच्ची मदद कर सकता है तो वो है खुद आप , जब आप किसी कठिनाई में फसें हों तो थोड़ी देरके लिए भूल जाइए की आप मुसीबत में हैं और अब आप मुझे क्या सलाह देंगे ठंडे दिमाग से सोचिए मुझे कठिनाई से निकालने की सलाह दीजिये । फिर देखिये आप खुद ही अपनी समस्याओं का सामाधान कर लेंगे । 

 पिता

माँ घर का गौरव तो पिता घर का अस्तित्व होता है ,

माँ के पास आँसू तो पिता के पास संयम होता है । 

दोनों समय का भोजन मान बनती है तो ,

जीवन भर भोजन क व्यवस्था करने वाले 

पिता को हम सहज ही भूल जातें है। 

कभी भी चोट लगती है तो 

'ओ माँ ' ही  मुह से निकलता है । 

लेकिन जब एक बड़ा हादसा होते होते रह जाए 

तो मुंह से 'बाप रे ' निकलता है । 

क्यौंकी छोटे छोटे संकटों के लिए माँ है 

लेकिन बड़े हादसे पर पिता ही याद आता है । 

पिता वो वृक्ष कई जिसकी शीतल 

छौँ में सम्पूर्ण परिवार सुख रहता है । 

माँ 

भगवान का रूप है माँ , दुनिया को बदलने वाली होती 

वही जिसका नमन करे , वही है माँ ,वही है माँ । 

रोज़ सुबह दुनिया को जगाती हो तुम 

दुनिया कहती है खुदा का रूप है माँ । संसार की दाता है माँ। 

माँ नहीं तो कुछ नहीं अर्थात संसार में कुछ नहीं । 

हमारी पूजनिए है माँ । भारत की दाता है माँ  । 

अतः मै अंत में यही कहना चाहूँगा की माँ को दुख नहीं देना चाहिए 

और माँ का खयाल रखना चाहिए । हमें लोरी सुनने वाली है माँ, 

 हमें हसने वाली है । माँ मै आपसे बहुत प्यार करता हूँ । 

Thank you !

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